शब्दोंसे परे भावोंसे भरे
Friday 5 February 2016
नज़राना
तुम्हें देने के लिए चाँद-तारे तो नहीं मेरे पास। ...
चंद मेरी ये नज़्में हैं, चाहो तो नज़र कर दूँ ?
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बस यूँही
जुदाई
आज जुदा हो रहे हैं... उस लम्बी जुदाई से पहले! कहते हैं: अपना एहसास दिलाती है मौत आने से पहले!
जीवन में तेरे मै आया हूँ
शब्दोंसे परे भावोंसे भरे कुछ ऐसे क्षण मैं लाया हूँ जीवन में तेरे मै आया हूँ तू मान इसे संजोग सही या ईश्वर का संकेत कोई तू पूर्ण कहाँ, मै...
मुमकिन नहीं
उसने कहा भूल जाओ भूल जाओ मुझे सदा के लिए मैंने कहा मुमकिन नहीं न तो मैं ख़ुद को भुला सकता हूँ न ही ख़ुदा को
No comments:
Post a Comment