शब्दोंसे परे भावोंसे भरे
Wednesday 20 January 2016
तू बन के रात...
तू बन के रात, आ जा अभी मेरे सिरहाने…
न जाने कितनी और हैं बातेँ, जो दिनभर तुमसे कही नहीं !
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आज जुदा हो रहे हैं... उस लम्बी जुदाई से पहले! कहते हैं: अपना एहसास दिलाती है मौत आने से पहले!
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