शब्दोंसे परे भावोंसे भरे
Wednesday 14 September 2011
गम की स्याही
मुझे अपने सारे दुख दे दो |
जीवन की सारी व्यथाएं, पीडाएं, वेदनाएं दे दो मुझे |
मेरे कलम की स्याही सूख गयी है |
1 comment:
Qais Mujeeb
15 November 2011 at 16:47
Nice thoughts!
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