शब्दोंसे परे भावोंसे भरे
Saturday 30 November 2013
आख़री अश्क़
ये कुछ आख़री अश्क़ बचे थे
आँखों में
उनके लिए
लो आज बह गए !
अब और रोया
तो ख़ून ही निकलेगा!
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