शब्दोंसे परे भावोंसे भरे
Monday 28 December 2015
ख़ुद से वफ़ादारी...
कभी ख़ुद से भी बना कर देख लो ज़रा सी दूरियाँ
हमेशा ख़ुद की ख़ुद से वफ़ादारी ज़रूरी नहीं होती !
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बस यूँही
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