शब्दोंसे परे भावोंसे भरे
Wednesday 9 May 2012
गहरा
मेरा ज़ख्म
जो भरा था वक़्त ने
कुरेदा किसीने बेवजह....
भरा नहीं;
हरा था
खून नहीं;
निकले आंसू....
घाव काफी गहरा था !
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